प्रहार
प्रहार
खिलने दो/सुन्दर फूलों को
ये कोमल और सुवासित भी है
इन्हें अपनी सम्पूर्णता में खिलने दो
इन्हीं के लिए तो हमने
हाथों में गाँठें पैदा की थी
धूप को झेला था
और धरती के सीने को फोडकर
पानी का स्रोत ढूंढा था
क्या हम आज
उन्हें झुलसते हुए
लुप्त हो जाने देंगे ?
या कि उठा लेंगे,
कुदाल
और आरम्भ कर देंगे
प्रहार।