पल में हुई बेटी पराई
पल में हुई बेटी पराई
गीत
पल में हुई बेटी पराई
*
हो गई है उसकी सगाई
पल में हुई बेटी पराई।
*
गोद मेरी जब वो आई थी,
स्वर्ग साथ अपने लाई थी।
नेमतों से भर गया था घर,
उसने जब नजर उठाई थी।
फूल बन गई है वो कली ,
खुशबूओं में आज नहाई।
हो गई है उसकी सगाई,
पल में हुई बेटी पराई।
*
बचपना वो लडने का गया,
आई है स्वभाव में हया।
हो गयी है संजीदा वही,
खुल गया है पृष्ट यूं नया।
चंद्रमुखी हो गई है अब ,
सबकी नजर में वो समाई।
हो गई है उसकी सगाई,
पल में हुई बेटी पराई।
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छोड़ना है बाबूल का घर,
प्यारा लगे हैं नया शहर।
दिन में ख्वाब देखती हैं वो,
जब से चार हो गई नजर।
अपना नया घर बसाने को,
ज्योत नई दिल में जलाई।
हो गई है उसकी सगाई,
पल में हुई बेटी पराई।
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दर्द और खुशी का था मिलन,
जल रहा था पानी में बदन।
अजनबी का प्यार पहनकर,
चुड़ियों की थी खनन खनन।
दिल खुशी से माँ का भर गया,
आंसूओं ने पीर सुनाई।
हो गयी है उसकी सगाई,
पल में हुई बेटी पराई।
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है अजानी सी जो रहगुजर,
है उसी पे अब नया सफर।
अपने परों को वो खोलकर,
चिड़िया बैठी जा मुंडेर पर।
सखियां पुरानी नई "अनन्त"
दे रही थी उसको बधाई।
हो गई है उसकी सगाई,
पल में हुई बेटी पराई।
*
अख्तर अली शाह "अनंत"नीमच
9893788338
