पिया हर तरफ तू ही तू
पिया हर तरफ तू ही तू
हर तरफ़ तू ही तू , तू ही तू
क्यों तूने झूठा है खेल रचाया
क्यों तूने है इस जग को छलाया
हम समझ बैठे इस जग को अपना
पर यह तो है इक झूठा सपना
जो भी है , तू ही तू , तू ही तू
वाह रे तारण हारे, वाह रे खेवन हारे
नैया पार लगा दे मैंने समझ लिया
जो भी है बस तू ही तू तू ही तू
