niraj nanda
Drama
कई दफा डाटा
शायद हाथ भी उठाया,
पर कभी ये नहीं कहा
कि बेटा तुमसे न हो पाएगा।
लक्ष्य पथिक क...
पिता
मन में एक ही इच्छा पैदा होती काश! मेरा नाम मुकेश अम्बानी होता। मन में एक ही इच्छा पैदा होती काश! मेरा नाम मुकेश अम्बानी होता।
नाउम्मीदी की दहलीज पर खड़ा हूँ मैं आवारा इंतज़ार में.... नाउम्मीदी की दहलीज पर खड़ा हूँ मैं आवारा इंतज़ार में....
सही राह पर अग्रसर होने में सहायक है तू, सही राह पर अग्रसर होने में सहायक है तू,
वक्त में झांक कर पता चला कि ये प्यार मुझको कब हुआ। ये प्यार मुझको कब हुआ। वक्त में झांक कर पता चला कि ये प्यार मुझको कब हुआ। ये प्यार मुझको कब हुआ।
तो बस मुझे तुम्हारा ख्याल नजर आ जाता है...तुम्हारा ख्याल नजर आ जाता है। तो बस मुझे तुम्हारा ख्याल नजर आ जाता है...तुम्हारा ख्याल नजर आ जाता है।
मैं हूँ अनोखी मैं हूँ अनोखी
जिस तरह फूलों को डालों पर खिलने और महकने से पहले कोई इजाज़त नहीं चाहिए जिस तरह फूलों को डालों पर खिलने और महकने से पहले कोई इजाज़त नहीं चाहिए
वो दर्द सितारों के टूटने का एक तरफ है जिद जो हवाओं की कोई बात नहीं । वो दर्द सितारों के टूटने का एक तरफ है जिद जो हवाओं की कोई बात नहीं ।
जब जब सावन का महीना आता है, बेवफ़ाई का अफ़साना याद आता है। जब जब सावन का महीना आता है, बेवफ़ाई का अफ़साना याद आता है।
इनकी तरह आज़ादी का आनंद बिन किसी शर्त के लेना है आज, इनकी तरह आज़ादी का आनंद बिन किसी शर्त के लेना है आज,
ये जो बचपन के दोस्त होते हैं, ये पगले पीछे भी नहीं छोड़ते। ये जो बचपन के दोस्त होते हैं, ये पगले पीछे भी नहीं छोड़ते।
एक प्याली चाय के स्वाद का मज़ा कर देता बूढ़े व्यक्ति में स्फूर्ति का उन्माद और प्रवाह, एक प्याली चाय के स्वाद का मज़ा कर देता बूढ़े व्यक्ति में स्फूर्ति का उन्माद और प्र...
सब वतन का गौरव और बढ़ाएं, जैसे अब तक बढ़ाया। सब वतन का गौरव और बढ़ाएं, जैसे अब तक बढ़ाया।
हर लहर से करते प्यार का इजहार और बदले में रहता इकरार का इंतजार, इसलिए रहते है सदा वीरा हर लहर से करते प्यार का इजहार और बदले में रहता इकरार का इंतजार, इसलिए रहते है सद...
यह आपका भारत है ? क्या यह हमारा भारत है ? यह आपका भारत है ? क्या यह हमारा भारत है ?
ज़िंदगी को गले लगा के उसके पल - पल का भरपूर आनंद लेने में ही सच्ची खुशी छुपी है। ज़िंदगी को गले लगा के उसके पल - पल का भरपूर आनंद लेने में ही सच्ची खुशी छुपी है।
वो सोच रही थी क्या वास्तव में यही उसकी सफलता है, क्या वह अपने जीवन में सफल हो पायी..... वो सोच रही थी क्या वास्तव में यही उसकी सफलता है, क्या वह अपने जीवन में सफल हो पा...
चार पल की ज़िन्दगी के अनोखे लम्हें क्यों इस तरह बर्बाद कर देता मानव ? चार पल की ज़िन्दगी के अनोखे लम्हें क्यों इस तरह बर्बाद कर देता मानव ?
एक बार और पूछते हैं। आपको हमसे इश्क है। आपने हमें बताया क्यूं नहीं। एक बार और पूछते हैं। आपको हमसे इश्क है। आपने हमें बताया क्यूं नहीं।
अंत मे, वो बिना प्रयास भवसागर होता, पार। अंत मे, वो बिना प्रयास भवसागर होता, पार।