फागुन की मस्ती
फागुन की मस्ती
होली आई है रे होली आई है
मौसम में मस्तानी बहार छाई है,
उड़ रही है गलियो में रंगो की फुहार
अनोखा लग रहा है सारा ही संसार
बूढ़ो में भी जवानी छाई है
होली आई है रे होली आई है,
एक दूसरे को प्रेम से मल रहे हैं गुलाल
गोरी के गाल हो रहे शर्म से लाल-लाल
खिल रही है उसकी तरुणाई है
होली आई है रे होली आई है,
पूजा कर होली में लगा रहे है आग
ढोलक की थाप पर गा रहे है फाग
सुखद सुमंगल घड़ी आई है
होली आई है रे होली आई है,
कोई हरा गुलाबी तो कोई लाल पीला
कोई लगावे सूखा कोई करके गीला
रंग - बिरंगी नदी बह आई है
होली आई है रे होली आई है,
कही बने गुझिया कही बने कचौडी
कही बने मिठाई कही तले पकौड़ी
पापड़ की अजब छटा छाई है
होली आई है रे होली आई है!
