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Radha Gupta Patwari

Drama

3  

Radha Gupta Patwari

Drama

पैसा

पैसा

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प्रिय डायरी,

हाँ,मैं पैसा हूँ,


कहने को तो मैं कुछ भी नहीं,

पर मैं सभी रिश्तों पर भारी हूँ।


चाचा, मामा, फूफा, ताऊ, नाना,

यह सब हुए पराये हैं।


रिश्तों को पीछे छोड़ा है,

पैसा बना सगाया रे,


धन की बरसा जहाँ हो रही,

सगे-सम्बन्धी बने हुए सब अपने हैं।


तुम हो छोटे, हम हैं बड़े,

यह पैसे की माया है।


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