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mujeeb khan

Drama

3  

mujeeb khan

Drama

पापा

पापा

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79


पापा वापिस आजाओ ना,

पापा वापिस आजाओ ना।

रूठ गए क्यों ऐसे मुझसे,

ख़ता हुई क्या ऐसी मुझसे


माफ़ करो अब मान भी जाओ,

बैठा हूँ मैं पलकें बिछाये

एक बार तो आजाओ न,

पापा वापिस आजाओ ना


बातें अभी कई कहनी थीं मुझको,

मुझसे बातें करने आ जाओ ना।

एक बार तो आजाओ न,

पापा वापिस आजाओ ना


राहे कई है अनजानी सी,

डर है कही भटक न जाऊँ

राह सही दिखलाने को

एक बार तो आ जाओ नाा


पापा वापिस आजाओ ना 

पापा वापिस आजाओ ना।

डगमग बहुत है सफर जीवन का

हाथ थामने आजाओ न

एक बार तो आजाओ न,

पापा वापिस आजाओ ना 


सही ग़लत का फर्क नहीं अभी तक

मुझको हिदायत देने आजाओ ना

एक बार तो आजाओ न,

पापा वापिस आजाओ ना


सूनी पड़ी है बैठक अपनी,

रौनक उसकी बढ़ाने आ जाओ ना

पापा वापिस आजाओ ना 

पापा वापिस आजाओ ना।


रूठना, रोना तो भूल गया,

ज़िद किए दिन बहुत हुए,

 फिर मेरी एक ज़िद

मनवाने आजाओ ना

एक बार तो आजाओ न,

पापा वापिस आजाओ ना


मुश्किल बहुत हैं इम्तिहाँ ज़िन्दगी के,

उलझ गए धागे जीवन के

 हिम्मत दिलाने को आजाओ ना

पापा वापिस आजाओ ना,

पापा वापिस आजाओ ना।


लाड तुम्हारा याद आता है

सोच के दिल भर आता है

सिर पे हाथ फिराने आजाओ ना

पापा वापिस आ जाओ ना 

पापा वापिस आजाओ ना।


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