।।न्याय।।
।।न्याय।।
अच्छे, बुरे कर्म कि पहचान करवाता हे न्याय।
सुख,दुख को एक समान तोलता हे न्याय।
अमिर, गरीब के भेद से पर होता हे न्याय।
सत्य को उजागर करता हे न्याय।
झूठ को बेनकाब करता हे न्याय।
सबको एक समान रखता हे न्याय।
झूठ कितना भी मजबूत क्यु ना हो
अंत मे सत्य को प्रकाशित करता हे न्याय।
स्वार्थ, लोभ,लालच से पर होता हे न्याय
हर हमेशा अच्छाई, सच्चाई को उजागर करता हे न्याय।