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Sudhir Srivastava

Abstract

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Sudhir Srivastava

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नन्हीं किरण

नन्हीं किरण

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भोर में निखरती बिखरती किरणें

धीरे धीरे अपना आकार बढ़ाती

साम्राज्य फैलाती चमकती है जब


तब चहुंओर फैलता है अमिट प्रकाश

बिना भेदभाव सबको उर्जा संग 

रोशनी देता है नन्हीं किरणों का जाल।


आनंद से भर जाता जगत

उत्साह उमंग और नव विश्वास संग

शुरू हो जाती जन जन की 


दैनिक कार्यवाही मनोयोग से

नन्हीं किरण को धन्यवाद के साथ

उसके विश्राम को जाने तक। 


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