"नमन"
"नमन"
हमने जो कही तुमने जो सुनी,
वह बात चलो फिर भूलें हम।
संग संग न सही थोड़ी दूरी से,
ये जीवन प्यार से जी ले हम।
जिस पल की पहरेदारी की,
जिसे खोने से हम डरते थे,
वक्त की ऐसी आंधी आई,
डर डर के उसकी जीते हैं ।
"नमन" है उन रक्षक को जो,
दिन रात हमारी रक्षा में,
इक रात नहीं, दस रात नहीं,
न जाने कब से जागते हैं।
हीरो कहना तुच्छ लगता है,
हम देवदूत ही बोलेगें,
धैर्य न अपना खोने देना,
तेरे ही सहारे हम सब हैं।
