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Hemisha Shah

Abstract

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Hemisha Shah

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निशानों की नोक पे ये ज़िंदगी

निशानों की नोक पे ये ज़िंदगी

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निशानों की नोक पे ये ज़िंदगी रख दो 

हर वक़्त अच्छा नहीं होता ....


पल पल बहती ज़िंदगी में 

तजुर्बा कच्चा नहीं होता ....

  

चुन लो कुछ रिश्ते दुनिया की भीड़ में 

कहते हैं हर इंसा सच्चा नहीं होता ...


चलता जा तू मुसाफिर बनके अपने लक्ष्य पे 

क्या पता सुहाना सफर मिल जाए 

वर्ना हर मंज़िल पे रास्ता पक्का नहीं होता।  


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