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Ajay Pandey

Inspirational

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Ajay Pandey

Inspirational

नारी

नारी

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मैं नारी हूँ, मैं नारी हूँ

मैं नारी हूँ, मैं नारी हूँ।।


मैं अबला नही, नादान नहीं

मैं स्वाभिमान, खुद्दारी हूं।

मैं उपवन की क्यारी हूँ

मैं आंगन की फुलवारी हूँ।

मैं नारी हूँ , मैं नारी हूँ।।


मैं आसमान में उड़ती हूँ

मैं उन्मुक्त बहारें लिखती हूँ

फैलाकर अपनी बाहों को

मैं नील गगन में उड़ती हूँ।।


पुरुषों की दुनिया में मैंने

अपना मुकाम बनाया है

जिन कामों पर वर्चस्व था उनका

उनको करके दिखलाया है।।


स्वर्णिम था अतीत हमारा

और भविष्य की उच्च अभिलाषी हूँ

मैं नारी हूँ, मैं नारी हूँ

मैं नारी हूँ, मैं नारी हूँ।।


मैं जननी हूँ, मैं पालक हूँ

मैं नवयुग की निर्माता हूँ

सब जन्मे हैं उर से मेरे

फिर भी कोख में मारी हूँ।।


कितने ही वज्रपात सहे मैंने

फिर भी नही मैं हारी हूँ

मैं नारी हूँ, मैं नारी हूँ

मैं नारी हूँ, मैं नारी हूँ।।


मैं वेदों की ऋचाओं में हूँ

मैं संस्कारों की प्रणेता हूँ

मंदिर, मस्जिद, गिरजा, गुरुद्वारे

मैं ही गीता, कुरान, गुरुवाणी हूँ


मैं नारी हूँ, मैं नारी हूँ

मैं नारी हूँ, मैं नारी हूँ।।



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