नारी शक्ति के विभिन्न रूप
नारी शक्ति के विभिन्न रूप


नारी शक्ति के होते अनेक रूप
नारी शक्ति अपने अलग अलग रूप में
करती अलग अलग व्यवहार
नारी जब मां के रूप में है होती
तब उसका अपने बच्चो से प्यार
व समर्पण अतुलनीय होता
नारी जब पत्नी के रूप में है होती
तब उसका प्रेम व पति के प्रति सेवा
भाव दुनिया में अनूठा होता
नारी जब बहन के रूप में है होती
तब उसका अपने भाइयों के प्रति प्रेम व
चिंता दुनिया के लिए अनुकरणीय होती
नारी जब बेटी के रूप में है होती
तब उसका माता पिता के प्रति प्रेम व
उनके बारे में चिंता देखने लायक होती
नारी जब दादी के रूप में है होती
तब उसका अपने पीते पोती के प्रति प्रेम
व
उनके प्रति लगाव दुनिया में अनोखा होता
नारी जब बुआ ने रूप के है होती
तब उसका अपने भतीजे भतीजी से
प्यार भी देखने लायक होता
नारी जब चाची ताई के रूप में है होती
तब उसका अपने भतीजों
भतीजी के प्रति प्रेम अच्छा होता
नारी जब मामी के रूप में है होती
तब उसका प्रेम अपने भांजे भांजी
के लिए अनूठा होता
नारी जब प्रेयसी के रूप में है होती
तब वह समर्पण एवं प्रेम की प्रतिमूर्ति होती
बारी जब दुर्गा के रूप में है होती
तब उसका शौर्य दुनिया में अनोखा होता
नारी शक्ति के होते अनेक रूप
नारी शक्ति अपने अलग अलग रूप में
करती अलग अलग व्यवहार।