नाराज़गी दूर करके तो देख
नाराज़गी दूर करके तो देख
नाराज़ तो हम भी होना चाहते है तूमसे ऐ दोस्त, तू भी कभी मना के तो देख, हमारी नाराज़गी दूर कर के तो देख...
तेरा ये नहीं मनाने वाला एटीट्यूड जिस दिन तूमसे नाराज़ हो जायेगा तो उस दिन बहोत देर हो चुकी होगी,
हमारी नाराजगी इतनी भी ज्यादा नही है की तेरे एक बार मनाने से मानेंगे नही लेकिन तू एक बार कोशिश कर के तो देख,
ए दोस्त तू भी कभी हमे मना के तो देख, हमारी नाराजगी दूर कर के तो देख...
आज ज़िंदा है तब मान ले, कल क्या पता तू मनाने आये और तब हम ही ना हो,
नही चाहिए मानने के लिए कोई चॉकलेट या कोई टैडी या कोई गिफ्ट हमे तो सिर्फ चाहिये एक तेरा मनना,
ए दोस्त तू भी कभी हमे मना के तो देख, हमारी नाराजगी दूर कर के तो देख...
जब तू हमसे रूठ जाता है तो क्या हम तूम्हे नहीं मनाते है? लेकिन कोशिश लाख करते है तूम्हे मनाने की फिर भी तू नही मानता,
तूम्हे हमे मनाने के लिए लाख नही सिर्फ एक कोशिश करनी होगी,
हाँ थोड़ा एटीट्यूड जरूर दिखाएंगे लेकिन एक बार मे मान भी जरूर जाएंगे,
ए दोस्त तू भी कभी हमे मना के तो देख, हमारी नाराजगी दूर कर के तो देख...
एटीट्यूड दिखा कर हम ये नही जताएंगे की देख लो हमे भी कितनी तकलीफ हुई होंगी तूम्हे मनाने में,
गलती हमारी हो या ना हो लेकिन तकलीफ तो बहोत होती है तेरे नाराज होने पे, लेकिन रिश्ता मेरा या तेरा नहीं हमारा है ये सोच कर सब भूल कर तूम्हे मनाने चले आते है,
ठीक वैसे ही
ए दोस्त तू भी कभी हमे मना के तो देख, हमारी नाराजगी दूर कर के तो देख...

