उसकी नाराज़गी का सुन कर कितने परेशान हुए फिरते हो। उसकी नाराज़गी का सुन कर कितने परेशान हुए फिरते हो।
मैं रहूँ ना रहूँ, मगर मेरी ख़ामोशी में भी, मैं यही हूँ । मैं रहूँ ना रहूँ, मगर मेरी ख़ामोशी में भी, मैं यही हूँ ।
उसकी महानता किसी चीज़ की मोहताज नहीं उसकी महानता किसी चीज़ की मोहताज नहीं
मुझे पता है मेरा भाई आज भी नफरत करता है।पता नहीं क्यों ? और जरा भी कम नहीं हुई है नफरत। मुझे पता है मेरा भाई आज भी नफरत करता है।पता नहीं क्यों ? और जरा भी कम नहीं हुई ह...
मेरा व्यक्तित्व मेरी माँ का बुना हुआ एक स्वेटर ही तो है उतना ही नरम, उतना ही गरम. मेरा व्यक्तित्व मेरी माँ का बुना हुआ एक स्वेटर ही तो है उतना ही नरम, उतना ही ...
अब तुम ही मुझे समझाओ, मैं तुम्हें समझाऊं कैसे..? अब तुम ही मुझे समझाओ, मैं तुम्हें समझाऊं कैसे..?