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Kamlesh Kumar

Abstract Inspirational

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Kamlesh Kumar

Abstract Inspirational

ना कर घमंड।

ना कर घमंड।

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ना कर घमंड मानव जीवन तेरे पास है,

जीवन ये सृष्टि का, सर्वश्रेष्ठ सौगात है।

चौरासी लाख योनियों का मुक्ति मार्ग है ,

ना कर घमंड मानव जीवन तेरे पास है।।


सूरज जो दिन भर, धरा आलोकित करता है।

बिन किए घमंड प्रतिदिन उदित होता रहता है।

जो  शीतल  चांद शीतलता रातों में फैलाता ,

कभी घमंड न करता, अपना काम करता रहता है।

तू सोच ले मानव तेरी क्या औकात। है।।

ना कर घमंड................।।


पृथ्वी सबको अन्न-जल दे, भार भी वहन करे,

पर पृथ्वी कभी ना इस चीज का घमंड करे।

हवा जो एक पल रूक जाए जीवन हो खत्म,

पर पवन बिन घमंड किये बहता रहता है।

सोचो तुम क्यों करता घमंड, क्या बात है?

ना कर घमंड .................।।


मानव जीवन, प्रकृति की उत्तम रचना है,

हम यहां आये क्यों, इसका मर्म समझना है।

हम एक-दूजे को प्यार करें, सहयोग करें,

ये गुरूजनों‌ और बड़े लोगों का कहना है।

मानव जीवन रूपी सुअवसर जो पास है।

ना कर घमंड .....................।।

           


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