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हरि शंकर गोयल "श्री हरि"

Comedy Romance Fantasy

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हरि शंकर गोयल "श्री हरि"

Comedy Romance Fantasy

मुक्तक : सपने

मुक्तक : सपने

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तुम्हारी बांहों में सोने की तमन्ना पाले बैठे हैं 

इस बेचैन दिल को मुश्किल से संभाले बैठे हैं 


हुस्न वालों ने सब कुछ लूट लिया है सरेबाजार

क्या बतायें हम दिल का दीवाला निकाले बैठे हैं।


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