STORYMIRROR

Anjali Singh

Abstract

3  

Anjali Singh

Abstract

मटकी

मटकी

1 min
209

हँसते - गाते राधा जाये रही थी

कान्हा मटकी फोड़ गयो

बचते - बचाते राधा जाये रही थी

कान्हा मटकी फोड़ गयो


नजरें घुमा के राधा जाये रही थी

कान्हा मटकी फोड़ गयो

बचते - बचाते राधा जाये रही थी

कान्हा मटकी फोड़ गयो


फोड़ गयो... कान्हा मटकी...

....फोड़ गयो.... कान्हा....

मटकी...फोड़...गयो



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract