..मतभेद ..
..मतभेद ..
दूर कहीं जमाने में ,बातें दिल की अपनी ;
चिठ्ठियों में लिखकर ,भेज दिया करते थे !
टेलीफोन का अविष्कार हुआ
घर से दूर रहकर भी,
अपनों से जूड़े हैं
ऐसा एहसास हुआ !
हजारो मील की दूरी
एक पल में मिट गयी
क्या खूब चिज बनाई इंसान तू ने
जो हर किसी की हाथ मे बस गयी !
स्मार्टफोन मनोरंजन का पिटारा है,
एक पल भी जिसके बिना अब गवारा है;
बन गयी है दूरियाँ आने से तेरे
टेलीफोन ही शायद दुलारा है।