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Ram Pund

Abstract

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Ram Pund

Abstract

..मतभेद ..

..मतभेद ..

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दूर कहीं जमाने में ,बातें दिल की अपनी ;

चिठ्ठियों में लिखकर ,भेज दिया करते थे !


टेलीफोन का अविष्कार हुआ

घर से दूर रहकर भी,

अपनों से जूड़े हैं

ऐसा एहसास हुआ !


हजारो मील की दूरी

एक पल में मिट गयी

क्या खूब चिज बनाई इंसान तू ने

जो हर किसी की हाथ मे बस गयी !


स्मार्टफोन मनोरंजन का पिटारा है, 

एक पल भी जिसके बिना अब गवारा है;

बन गयी है दूरियाँ आने से तेरे

टेलीफोन ही शायद दुलारा है।


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