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S Seth

Abstract Inspirational

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S Seth

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मर्द का दर्द

मर्द का दर्द

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रोना मत जब भी होगा दर्द

क्योंकि तुम हो एक मर्द

18 तक करो मज़ा पर उसके बाद

घर का भार तुम्हें अपने कंधों पर है उठाना

नहीं नहीं ये नहीं है कोई सज़ा

ये तो है बस तुम्हारा फर्ज़

क्योंकि तुमहो एक मर्द

रोना मत जब भी होगा दर्द


मर्द को दर्द नहीं होता

बचपन से ये है सिखाया

समाज ने उनपर भी जमाया अपना साया

जब छोटा था तबसे थमा दिया

हाथों में एक गाड़ी का खिलौना

और बोला बेटा तुम्हें इनसे है खेलना

रसोई में रोटी नही बेलना


जब से पैरों पर चला तब से बनाया ये दबाव

की मर्दाना होना चाहिए तुम्हारा स्वभाव

पर होती क्या है ये मर्दानगी ?

की हर दर्द करो सहन

बिना रोए?

और पैसे कमाओ बिना सोए ? 


नहीं !

जब दर्द हो तब रोए वो भी है एक मर्द

जिसको शौक हो खाना बनाने का वो भी है एक मर्द

सजने सँवरने से मर्दानगी नहीं होती कम

जिसका दिल हो नर्म वो भी कहलाता है एक मर्द


मर्द को दर्द नहीं होता है बस एक वहम

चलो आज करे समाज का दबाव खत्म

मत करो और यह सहन

और माने

और जाने

और पहचाने

की मर्द को भी होता है दर्द।


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