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Kumar Ashish

Classics

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Kumar Ashish

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मोहब्बत के ही रंग बरसें

मोहब्बत के ही रंग बरसें

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सभी खुद को स्वयं रंग लो हुई बौछार होली में,

मिले सबको सफलताएँ न हो अब हार होली में।


मिटाकर नफरतें दिल से गले सबसे मिलो हँसकर,

मोहब्बत के ही रंग बरसें अब इस त्यौहार होली में।


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