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मनबसिया

मनबसिया

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मनबसिया कृष्णा मेरा तु रंगरसिया 

जोगन बन गई में आया फिर भी ना तु

राह देख रही है तरसती ये अँखियाँ

मनबसिया....

प्रीत की है तुझ संग मेरे सांवरिया

नैनन को नहीं चैन एक पल

आजा अब देख रही है प्यासी अँखियाँ

मनबसिया....

बैरन बनी है अंखियों की निंदिया

पा लू तुझको मैं जग को भूल जाऊं

बरस रहा है आँखों से सावन रसिया

मनबसिया...

गली-गली ढूंढू कृष्णा सांवरिया

प्रीत भुलाकर तु कही दूर चला है

विरह को सहना है अब सारी उमरिया

मनबसिया..


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