आशुतोष अनिभिज्ञ

Children

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आशुतोष अनिभिज्ञ

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मन कीट पतंगा

मन कीट पतंगा

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जीवन एक कटी पतंग

मन कीट पतंगा

साथ छोड़ता हर पल 

सांस मांगकर बैठे है 

जीवन एक कटी पतंग 


स्वप्नों की ओझल दुनिया में 

मीत न माँगो

प्रीत न माँगो 

मन कीट पतंगा 


धमाचौकड़ी करते बिता 

बचपन की किलकारी 

अब सो गया बचपन प्यारा 

बची बस अंधियारी

मन कीट पतंगा


अब का बचपन अब न पूछो 

खो गया अब सारा

अब न कोई चिड़िया उड़ता 

न कोई फव्वारा 


मन मेरा कीट पतंगा 

उड़ उड़ जावे 

ठहर न पावे 

मन कीट पतंगा


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