हर घर तिरंगा
हर घर तिरंगा
गुलामी की बेड़ियों में जकड़ा,
पड़ा था हमारा हिन्दुस्तान,
भारतमाता तड़प रही थी,
जंजीरों में जकड़ पड़ी थी,
पराधीनता ने दिया चादर तान,
उबल पड़ा स्वतंत्रता की उड़ान,
गांधी बन आया एक ही नाम,
संग हुए संगी साथी जो थे महान,
लाल बाल और पाल की तिकड़ी,
बड़ी थी कमाल,
खुदीराम बोस, तिलक, राजगुरु ने,
आजादी का, बिगुल दिया था फूंक,
अंग्रेजों भारत छोड़ो, सविनय अवज्ञा आन्दोलन ने किया,
फिरंगियों को देश छोड़ने पर मजबूर,
सन 47 ने समझाया आजादी का मर्म,
पराधीनता से मिली निजात,
अमन, चैन की हुए शुरुआत,
आज आया जश्न ए आजादी का 75 वां साल,
इस पावन अवसर पर हमसब,
आजादी का अमृत महोत्सव मनाएंगे,
हर हाथ तिरंगा फहराएंगे।
हर घर तिरंगा लहराएंगे।
