मजदूर आज की आवश्यकता
मजदूर आज की आवश्यकता
मजदूर आज की आवश्यकता है,
देश की अर्थव्यवस्था की प्रगति इनके बिना नहीं है संभव,
1 मई को प्रत्येक वर्ष इनको याद किया है जाता,
क्योंकि प्रगति इनके बिना नहीं है संभव,
औद्योगिक कारखानों में कार्य व
औद्योगिकरण भी इनके बिना नहीं है संभव,
कृषि एवं कृषि संबंधित कार्य भी इनके बिना नहीं है संभव,
देश के विकास का कोई भी कार्य उनके बिना नहीं है संभव,
सड़क निर्माण, बिल्डिंग निर्माण व अन्य
निर्माण कार्य भी इनके बिना नहीं है संभव,
कोई भी क्षेत्र ऐसा नहीं जिसके
विकास कार्य भी इनके बिना है संभव,
मजदूर आज की आवश्यकता है,
देश की अर्थव्यवस्था की प्रगति इनके बिना नहीं है संभव,
फिर भी मजदूर बेचारा, किस्मत का मारा,
तरसता है दो वक्त की रोटी के लिए,
बनाता है दूसरों के लिए आलीशान भवन,
लेकिन तरसता है तमाम जीवन एक पक्के मकान के लिए,
पकाता है भोजन सभी धनाढ्यों के लिए,
लेकिन उसके बच्चे तरसते हैं अच्छे भोजन के लिए,
रात दिन पसीना है बहाता, सभी कार्य मेहनत से करता,
लेकिन तरसता अपनी पगार के लिए,
आज भी मजबूर है प्रवासी मजदूर बनने के लिए,
नौकरी की तलाश में भटकता रहता शहर दर शहर,
तलाश में एक अच्छे जीवन के लिए,
सभी की फटकार सुनता,डॉट खाता,
फिर भी चुप रहता, अपने रोजगार के लिए,
जिसके बिना हमारे कार्य संभव नहीं क्या उसे
आवश्यकता नहीं सम्मान से जीने के लिए,
1 मई को मजदूर दिवस पर नमन है
समस्त मजदूरों को, उनके कार्यों के लिए,
मजदूर आज की आवश्यकता है देश की
अर्थव्यवस्था की प्रगति इनके बिना नहीं है संभव।