STORYMIRROR

Chandan Mishra

Abstract

2  

Chandan Mishra

Abstract

मिट्टी से मिलता गया

मिट्टी से मिलता गया

1 min
237

मैं अगर खो गया 

तो प्रकृति में बीज की तरह 

खुद को बो गया। 


या तो बारिश की

बूंदों की तरह 

गिरता गया,

बहता गया, समाता गया। 


हाँ इन दोनों ही तरीकों से 

मिट्टी से मिलता गया 

धरा के कोने-कोने तक

होता गया।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract