Hemant Yadav
Drama
माना कह देते हैं बदल गया
मिजाज अपनों का
मिजाज तो हमने बदला
बस शुरुआत अपने कर देते हैं।
हिंदी मुबारक ...
मेरे अल्फाज
आईना
वो स्त्री
मेरी मोहब्बत
खामोशी
दुःख
जिंदगी
मोहब्बत
भ्रष्टाचार से लड़ने वाले आपस में ही कर ली बैर... भ्रष्टाचार से लड़ने वाले आपस में ही कर ली बैर...
इस माटी में लावण्य-लालित्य ललना के सिंदूर हैं, शोक-विलाप करती विधवाओं के क्रंदन भरपूर इस माटी में लावण्य-लालित्य ललना के सिंदूर हैं, शोक-विलाप करती विधवाओं के क्रं...
बड़ी भाती थी मुझे माँ और बच्चों की गतिविधियां जैसे मेरी जुड़ चुकी थी उनसे रिश्तेदारियां बड़ी भाती थी मुझे माँ और बच्चों की गतिविधियां जैसे मेरी जुड़ चुकी थी उनसे रिश्त...
कभी तो ऐसा वक़्त आयेगा, जब मेरा हर एक पन्ना खुशियों से भरा, स्वर्णिम अक्षरों से लिखा ज... कभी तो ऐसा वक़्त आयेगा, जब मेरा हर एक पन्ना खुशियों से भरा, स्वर्ण...
ये कविता समाज में महिला व् पुरुष के बीच जो भेदभाव होता है, उसपर लिखी हुई है। उम्मीद करती हु आपको पसद... ये कविता समाज में महिला व् पुरुष के बीच जो भेदभाव होता है, उसपर लिखी हुई है। उम्...
चल लगी शर्त आ युद्ध करें आ हवस की गंगा शुद्ध करें चल लगी शर्त आ युद्ध करें आ हवस की गंगा शुद्ध करें
उसके प्रांगण में दौड़ता मेरा वर्तमान थम जाता है, तब मेरा गाँव मुझे याद आता है। उसके प्रांगण में दौड़ता मेरा वर्तमान थम जाता है, तब मेरा गाँव मुझे याद आता है...
छोटी बच्ची की दर्दनाक व्यथा। छोटी बच्ची की दर्दनाक व्यथा।
बच्चों को अच्छा इन्सान बनाऐंगे। हर परिस्थिति का सामना करना सिखायेंगे। बच्चों को अच्छा इन्सान बनाऐंगे। हर परिस्थिति का सामना करना सिखायेंगे।
जन्म जो मुझको लेना है तेरी कोख की जरुरत मुझको..! जन्म जो मुझको लेना है तेरी कोख की जरुरत मुझको..!
सो कर उठने पर लगता है सपना है शायद सो कर उठने पर लगता है सपना है शायद
अपने दिल की हर एक बात मुझसे ही तो साझा करती है कहने को तो रिश्ता बस दोस्ती का है अपने दिल की हर एक बात मुझसे ही तो साझा करती है कहने को तो रिश्ता बस दोस्ती...
विशेष बन गये हो या शेष भी नहीं रहे हो रोब है किसी पर या विरोधी बना लिये हो विशेष बन गये हो या शेष भी नहीं रहे हो रोब है किसी पर या विरोधी बना लिये हो
मैं सही हूँ या नहीं, किसी को समझाना नहीं मुझे अपने “मैं” होने का, भरना नहीं ज़ुर्माना मुझे..। मैं सही हूँ या नहीं, किसी को समझाना नहीं मुझे अपने “मैं” होने का, भरना नहीं ...
यूँ तो केवल एक बरस का, ही तो परिचय हुआ हमारा पर लगता है रही पुरानी, बहुत पुरानी अपनी यारी। यूँ तो केवल एक बरस का, ही तो परिचय हुआ हमारा पर लगता है रही पुरानी, बहुत पुरा...
माँ की कितनी बात सुनाऊँ, ममता की प्रतिमूर्ति ऐसी, देवी छोटी पड़ जाती है, धरती पे माँ कहलाती है। माँ की कितनी बात सुनाऊँ, ममता की प्रतिमूर्ति ऐसी, देवी छोटी पड़ जाती है, धरती प...
मेरी बातों की चाय, यादों की नमकीन, और स्वागत में मेरी मुस्कान, आओगे ना। मेरी बातों की चाय, यादों की नमकीन, और स्वागत में मेरी मुस्कान, आओगे ना।
इन्हीं औरतों की नस्लें छीन लाती हैं तुम्हारे लिए इंद्रधनुष के सारे रंग। इन्हीं औरतों की नस्लें छीन लाती हैं तुम्हारे लिए इंद्रधनुष के सारे रंग।
पुरुषोत्तम श्री राम भी आये गिरधारी घनश्याम भी आये पुरुषोत्तम श्री राम भी आये गिरधारी घनश्याम भी आये
मुझे जैसी छोटी बच्ची को जो गम दिखी वो उन बड़े लोगों को क्यों न दिखी ! मुझे जैसी छोटी बच्ची को जो गम दिखी वो उन बड़े लोगों को क्यों न दिखी !