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Hemant Yadav

Abstract

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Hemant Yadav

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खामोशी

खामोशी

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मुझे नहीं चाहिए

वो जो पढ़ सकें मेरी खामोशी


मुझे वो चाहिए

जो मुझे खामोश ही ना होने दें


मुझे वो चाहिए

जिसके साथ बिना बात के भी


बातें की जा सके

जिसके साथ लड़ते झगड़ते


हंसते खिलखिलाते

जीवन का हर पल

नये रंग से भर जाये।


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