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Chandra prabha Kumar

Inspirational

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Chandra prabha Kumar

Inspirational

महत्वपूर्ण क्षण

महत्वपूर्ण क्षण

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  सुबह ही सुबह चिड़िया चहचहाती है,

  शांत गगन में गान मधुरिमा फैल जाती है ,

  लगता है कहीं से पार्श्व संगीत बज उठा,

  निस्तब्ध गगन का दृश्य मोहक हो उठा। 


 उष:काल में महुआ फूल झरते हैं,

 प्रभात बेला में पारिजात पुष्प झरते हैं,

 इन्हें भी पता है ब्रह्म मुहूर्त की बेला ,

 सब काम के लिए है शुभ बेला। 


 दिनमणि का अरुण प्रकाश फैलता है,

 व्योम गुलाबी आभा से भर जाता है,

 दूर्वा दल पर ओसबिंदु मोती बन जाते हैं,

 नन्हें नन्हें फूल भी झांकने लगते हैं। 


 सारी प्रकृति सद्यस्नाता सी लगती है,

 दिन भर के लिए तैयार हुई सी लगती है,

 धीरे धीरे सब काम शुरू हो जाते हैं,

 सुचारु रूप से नियमबद्ध तरीक़े से। 


 मानव भी सीख ले ,समय पर काम करे,

 समय का मूल्य पहिचाने, जीवन सुखी करे,

 समय बीत जाता है ,फिर हाथ नहीं आता है,

क्षण को पहचान समग्र शक्ति क्षण में लगा ले।


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