महोत्सव
महोत्सव
देश प्रेम का नारा दे के
देश को एक रंग मे रंग के
देश मे देखो,उत्सव हो गए
उत्सव क्या महोत्सव हो गए
हर दिल मे अब देश बसा
तिरंगे का हर पल मान बढ़ा है
देश प्रेम के रंग मे रंग के
भूल न जाना मानव धर्म रे
मानवता पहचान रहेगी
इसी से शान हमारी बढ़े गी
देश प्रेम है सबसे ऊंचा
मानवता पर सर्वोत्तम रहेगी
मिल के सब येप्रण तो कर लो
देश का हम सब मान रहेगे
मानवता को न खोने देगे
देश प्रेम के रंग मे रंग के
हर दिन देश का मान बनेगे
मानवता की शान कहेगे।