"मेरी पत्नी,मेरी समृद्धि"
"मेरी पत्नी,मेरी समृद्धि"
मेरे जीवन को बनाया तूने बहुत समृद्ध
मेरी पत्नी करता हूं, तेरी बहुत इज्जत
जब-जब फंसा हूं गम के तूफानों में,
तूने बचाया मुझे पर्वत साहिल, बनकर
आज तो अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस है
मेरे जीवन में मां, बाद तेरा ही है, वर्चस्व
प्रिय अर्धांगिनी, तूने ही सँवारा जीवन
गर तुम न होते मेरा क्या होता, जग में
सूख जाता सावन में चाहे मिलता जल
तूने बनाया पत्नी, इस जीवन को जन्नत
मेरे जीवन को बनाया, तूने बहुत समृद्ध
तू धर्मपत्नी है, यम से छीन लाई, जीवन
वो ईश्वर भी तेरे सतीत्व से बड़ा हैरान है
तू पति को बचाने वाली है, पावन पवन
तुझे पाकर पत्नी में बहुत धन्य हुआ
तुझ सा नहीं देखा है, मैंने जीवन चंदन
खुद की परवाह करती नहीं ज़रा सी,
मेरा ख्याल करती है, पत्नी तू हर पल
बालाजी से बस यही प्रार्थना है, मेरी
तू ही बने मोटी, हर जन्म में पत्नी मेरी
तुझ में बसा हुआ है, इस कदर मन
जैसे सूर्य में छिपी हुई कोई किरण
मां बाद तुझे देखा बस एक नजर
बाकी हर स्त्री दिखे मां की तस्वीर
प्रिय पत्नी, सदा ही साथ रहना मेरे
तेरे संग लिये है, सात जन्म के फेरे
तेरे बिन न चल सकूं में एक कदम
पत्नी तू है, रूह से निकली हुई कलम