समय का खेल
समय का खेल
समय ने यारों जग में देखो अद्भुत खेल दिखाए।
धनी रंक है बना तो पल में निर्धन भूप बनाए।।
समय के जो अनुरूप चला धन वैभव यश को पाया।
समय वली के चक्कर में पङ कौन नहीं चकराया ।।
समय से मित्र शत्रु अपने भी हो जाते है पराए ।
समय से करता कार्य वही है जीवन में सुख पाए ।।
हरिश्चंद्र वलि राम कृष्ण पाण्डव भी समय से हारे ।
समय एक सा रहे नही सब ऐसे बचन उचारे ।।