मेरी कोशिशें नाकाम हैं
मेरी कोशिशें नाकाम हैं


बालपन से बुढ़ापे की ओर चला
पर जीवन से क्या मिला है भला
शायद नकारात्मक सोच का हूँ शिकार
पर फिर भी किसी के विचार में कहाँ आया है विकार
प्रयत्न किये है उम्रभर
चाहे मिली असफलता उसपर
उम्मीद पर तो दुनिया कायम हैं
पर मेरी कोशिशें नाकाम हैं
बर्दाश्त की कोई सीमा नहीं
कल में विचरण करना नहीं
दूसरों को कितना ही झुठलाऊँ
पर अपने मन को कैसे समझाऊँ
की मैंने जो सपना बुना
वह बच्चों ने कभी न चुना
उम्मीद पर तो दुनिया कायम है
पर मेरी कोशिशें नाकाम है
माता-पिता के दि
खाए पथ का किया अनुसरण
यही बात रह-रह कर चित्त में हो आती है स्मरण
में सही था या वह सही है
यह प्रश्न क्रम के सबसे अंतिम मे खड़ी है
अविश्वास निराशा के है साये
कोई नयी ज्योति दिखलाये
उम्मीद पर तो दुनिया कायम हैं
पर मेरी कोशिशें नाकाम है
चला झूठ का कारवाँ
अफ़सोस कब मिलेगा निर्वाह
क्लेश से पूर्ण यह सिंहासन
जिसमें बैठ कर देखता हूँ दहन
फिर स्वयं को कठघरे में पाया
शायद अकेली थी वह काया
उनके नए सोच पर,
हैं मुझे संकोच
उनके प्रयास को मिले आयाम
मेरी कोशिशें नाकाम है