मेरा वतन ही नहीं मेरा सारा जहां है तू
मेरा वतन ही नहीं मेरा सारा जहां है तू
मेरा वतन ही नहीं मेरा सारा जहां है तू
मेरी आन है तू, मेरी शान है तू
मेरा मान है तू, और अभिमान भी तू
मेरी जान है तू, और सम्मान भी तू
मेरा वतन ही नहीं मेरा सारा जहां है तू
मेरी सीने में तू मेरे हर इरादे में तू
मेरे होने की पहचान है तू
मेरे जीत का सरमाया है तू
मेरा वतन ही नहीं मेरा सारा जहां है तू
एकता की मिसाल है तू
तहवरों की शान है तू
मज़हबों का गहवाड़ा है तू
मेरा वतन ही नहीं मेरा सारा जहां है तू
हर वक्त आज़ाद, अबाद या शाद रहे हैं तू
यहाँ जवाहर से भी ज़्यादा कीमती ख़ज़ाना है तू
मेरा सब से प्यारा हिंदुस्तान है तू
मेरा वतन ही नहीं मेरा सारा जहां है तू।