मेरा परिवार
मेरा परिवार
पापा का प्यार, माँ का दुलार,
मिलके बनता है मेरा परिवार।
थोड़ी सी मस्ती, थोड़ी सी सखती,
माँ खिलाती मुझे सब्जियां जबरदस्ती।
कंधों पे बिठा के, बाहों में उठाके,
पापा ने दिया बहुत प्यार आते जाते...
माँ ने दिया मेरे पढ़ाई पे ध्यान,
पापा ने माना मुझे अपनी शान।
किसी को न उठाने दी मुझ पर उंगली,
मेरे बारे में कभी न सुनी किसी की चुगली
जब किसी चीज की जिद्द मैंने पकड़ी,
पहले प्यार से समझा कर फिर दिखाते थे छड़।
अच्छे विचार और नेक इरादों की एहमियत,
सत्य वचन और साफ मन की जरूरत..
इन दोनों ने मुझे बहुत कुछ सिखाया,
बिन बोले भी उन्होंने कितना कुछ बताया..
हर चीज का मोल समझाया,
जीने की सही राह दिखाई...
माँ और पापा ने हमेशा किया मुझ पे एतबार,
ये है ख़ुशियों से भरा मेरा प्यारा परिवार!
