मेरा हिन्दुस्तान
मेरा हिन्दुस्तान
धन्य हमारी मातृभूमि
धन्य हमारा हिन्दुस्तान है।
ये है हमारी माता
हम इनकी संतान हैं।
ऋषि मुनियों की जननी
कोई न इनके समान है।
तप, बल, शौर्य, शांति
जग को देती दान है।
पर्वत, पठार, नदियाँ यहाँ
सबके धड़कन समान हैं।
खनिज, सम्पदा और जल
सबके लिए अमृत समान है।
राम, कृष्ण, बुद्ध, महावीर
शांति के पोषक महान हैं।
चलते जो कुमार्ग पर
नहीं उसका कल्याण है।
नहीं कमी वीरों की यहाँ
परशुराम, गोविंद सिंह समान हैं।
सुभाष, चंद्रशेखर, आजाद, भगत
हमारे सरताज समान हैं।
राणा प्रताप, वीर कुँवर सिंह
लक्ष्मी बाई, मेहरू निशां मौत समान हैं।
आँखें उठे उसकी तरफ तो
जलाते हम उनके अरमान हैं।
देश हमारा सबसे न्यारा
लोकतंत्र और मानवता की रक्षा
करता हमारा संविधान है।
तिरंगा आन बान शान है।
