मेरा देश भारत
मेरा देश भारत
मेरा देश मेरा गौरव है,
मेरा देश मेरा जुनून है।
इसके लिए जान भी लुटा दूं मैं,
क्योंकि मेरी रगो में इसी का खून है।
इसकी माटी में पला बढ़ा हुआ हूं,
यहीं से सीखी संस्कृति सभ्यता मैंने।
इसके लिए कुछ भी कर जाऊं,
नहीं सीखा है दुश्मन के आगे झुकना मैंने।
मेरे देश के कण-कण में प्रेम का रोग है,
इसलिए हमारी एकता की मिसाल देते लोग हैं।
यहां की हर सुबह कोयल की कूक से होती है,
मेरे देश की हरियाली भी सबका मन मोह लेती है।
पहनावा बोली सबकी अलग-अलग हैं,
फिर भी होता है सभी धर्मों का सम्मान।
इसीलिए है मेरा भारत महान,
मेरा भारत महान।
हमारी सुरक्षा के लिए सीमा पर खड़े जवान हैं,
कोई दुश्मन आंख उठाकर भी देखें तो,
करते उसका काम तमाम है।
जो जवान हमारे लिए हुए कुर्बान हैं,
उन्हें हमारा शत-शत प्रणाम है,
उन्हें हमारा शत-शत प्रणाम है।
देखकर जवानों का बलिदान,
मेरी बस इतनी सी ख्वाहिश है।
काश मैं भी भारत मां के लिए कुछ कर जाऊं,
लड़ते-लड़ते दुश्मन से आखरी दम तक,
मैं भी भारत मां की गोदी में सो जाऊं,
मैं भी भारत मां की गोदी में सो जाऊं।।