Ajay Singla

Inspirational

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Ajay Singla

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मेरा अस्तित्व

मेरा अस्तित्व

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छोटा सूक्ष्म सा जीव एक 

मैं हूँ पटियाला शहर का वासी 

छोटा सा अंश पंजाब प्रांत का 

जो नन्ही सुंदर टुकड़ी भारत की ।


भारतवर्ष से कई देश विश्व में 

करोड़ों जीव हैं मेरे जैसे 

जलचर, नभचर, थलचर सब मिलकर

अरबों, खरबों हो जाएँ ऐसे ।


पृथ्वी एक छोटा सा कण है 

आकाशगंगा को जब देखें हम 

कितनी आकाशगंगा ब्रह्मांड में 

गणना के आँकड़े पड़ जाएँ कम ।


वर्षा की बूँद गिरे सागर में 

वैसा ही मैं हिस्सा ब्रह्मांड का 

सोचूँ मेरा क्या कोई महत्व 

और मेरा अस्तित्व है क्या ।


फिर याद आए सीख बचपन की 

पहले तो बूँद अकेली ही थी 

बूँद बूँद से सागर बनता 

सागर में मिलकर सागर हो गई ।


मैं भी तो हूँ एक आत्मा 

और सभी में व्याप्त यही है 

परम् आत्मा में मिल जाऊँ जब 

बन जाऊँ तब परम् ब्रह्म मैं ।


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