STORYMIRROR

SHUBHAM SHARMA SHANKHYDHAR

Inspirational

4  

SHUBHAM SHARMA SHANKHYDHAR

Inspirational

मौन रहना सदा सार्थक

मौन रहना सदा सार्थक

1 min
357

मौन रहना है सदा सार्थक

व्यर्थ न कोई वार्ता खींचें

अधिक बोलना सदा निरर्थक 

सामने कुछ और कुछ और पीछे।


अगर दुर्योधन पर न हंसती द्रौपदी

महाभारत ना होता

अगर मौन रहती कैकई

राम विरह न होता

अगर मौन रह जाती अयोध्या

सीता वनवास न होता

मौन रहना है सदा सुखदाई

इतिहास गवाही देता।


नभचर देखे थलचर देखे देखे सारे प्राणी

सब हैं प्रेमी सब आनंद में नहीं दोगली वाणी


ऐसी बोली कौन काम की जो करुणा को त्यागे

नहीं बोलने में इंसान से है कोई भी आगे

उल्टा बोले कड़वा बोले बोले झूठ तमाम

करे बुराई हरदम ये अब बात हो गई आम।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational