मैं
मैं
बीते वर्ष को कुछ यूँ पीछे छोड़ आयी हूँ मैं
कुछ बेबुनियाद रिश्तों को तोड़ आयी ही मैं
हाँ अब सामने बोल देती हूँ जो बुरा लगे
“लोगों के बुरा लगेगा” ये सोचना छोड़ आयी हूँ मैं
कोई मेरे लिए भी सोचे की बुरा लगेगा मुझे अब
सिर्फ़ इस पहलू पर आगे बढ़ने को तैयार हो आयी हूँ मैं
जिगरी यारी दोस्ती सब निभा कर देखी
कहीं वफ़ादारी मिले वो मोड़ ढूँढने आयी हूँ मैं
हर तरफ़ सिर्फ़ स्वार्थ बिखरा पड़ा है
निस्वार्थो को खोज में आज भी भटक रही हूँ मैं
अपनो
का चोला ओड़े सब रिश्ते नाते है
कोई बेवजह ही यूँ अपना ना बनाए मुझे
ज़िंदगी है मेरी मज़ाक़ तो नहीं
किसी का दिल ना टूटे कोई मुझसे ना रूठे
ऐसी ख्वाहिशो का गुलिस्ताँ कही फेंक आयी हूँ मैं
उम्र है कम मगर बेशक बहुत कुछ सिखा है ज़िंदगी से
तवज्जो मिलेगी तब तक ही आपका स्थान ना ले ले कोई
अब हुआ बहुत, ऐसी सोच वालों को पीछे छोड़ आयी हूँ मैं
एक पंछी बन उड़ान भरने को आयी हूँ मैं
हाँ अब एक नए जीवन की शुरुआत करने को आयी हूँ मैं।
अपने सपनों को आयाम देने का फ़ैसला करके आयी हूँ मैं।