मैं नहीं कहूँगा
मैं नहीं कहूँगा
मैं नहीं कहूँगा उससे
की वो मेरे पास लौट आए
क्यूँ कहूँ और किस हक़ से
मैंने नहीं कहा था कभी उससे
की वो मुझसे दूर जाए
गर मुझसे दूर जाने का फैसला
उसका था तो लौट आने का
फैसला भी उसका हीं होना चाहिए
न उसे रोक पाना मेरे बस में था कभी
न उसे पास बुलाना मेरे बस में है
मेरे बस में था और है केवल प्रेम करना
जो मैंने किया और कर रहा हूँ
मेरे बस में है की
गर वो कभी मेरे पास लौट आना चाहे
तो मैं उसे अपनाऊँ
ये सच है की मैं उसे अपनाऊँगा
पर अब मैं उससे
पहले जैसा प्रेम नहीं कर पाऊँगा |