मैं कौन हूँ....
मैं कौन हूँ....
मैं कौन हूँ.. शायद एक एहसास, एक याद
या फिर एक साया जो हर वक्त तुम्हारे साथ हैं,
मैं कौन हूँ यह तो मैं नहीं जानती मगर कुछ तो है
जो तुम्हारे मेरे भीतर तक बसा हुआ हैं
जिसे ना तुम भुला सकते हो और ना ही मैं,
मैं कौन हूँ यह तो मैं खुद भी नहीं जानती,
अगर जानती तो यह सवाल न तुम्हें घिरे रहता
और ना ही मैं इसका जवाब ढूंढती रहती।

