Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

JAY PANDEY

Abstract

3  

JAY PANDEY

Abstract

मैं हूँ हिंदी

मैं हूँ हिंदी

1 min
239


तेरी संस्कृति की मैं ही तो पहचान हूँ

मैं हूँ हिंदी ऐ भारत तेरी शान हूँ।

मैं हूँ संस्कृतजा शुभ देववाणी हूँ मैं

मैं हूँ गौरव तेरी स्वाभिमानी हूँ मैं।


हिंद तेरी मैं यशकीर्ति और विज्ञान हूँ

मैं हूँ हिंदी ऐ भारत तेरी शान हूँ।

मैं हूँ सुविचारों का तेरे सरलीकरण

मन के भावों का तेरे हूँ वर्गीकरण।


मेरे भारत मैं तेरी सुर अरु तान हूँ

मैं हूँ हिंदी ऐ भारत तेरी शान हूँ।

मन तरंगों की सुमधुर अभिव्यक्ति हूँ मैं

मेरे भारत तेरी अनुपम शक्ति हूँ मैं।


शुभ विचारों के सुसागर का जलयान हूँ

मैं  हूँ  हिंदी ऐ भारत तेरी शान हूँ।

माँ की लोरी हूँ मधुरिम कहानी हूँ मैं

ध्यान, सत्संग तेरी जिंदगानी हूँ मैं।


अरु मैं सागर से गहरी तेरी ज्ञान हूँ

मैं  हूँ  हिंदी ऐ भारत तेरी शान हूँ।

भारती के शुभ ललाट की बिंदी हूँ मैं

मातृभाषा हूँ  तेरी हाँ  हिंदी हूँ मैं।


फिर क्यों अपने ही घर में, मैं गुमनाम हूँ ?

मैं हूँ  हिंदी ऐ भारत तेरी शान हूँ।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract