मैं एक नारी हूँ
मैं एक नारी हूँ
कहते नारी तू है महान
कहते नारी तू भगवान
यह कह के जीने के हक छीने
कहते-कहते छीना जीवन मेरा
कभी तो कहता नारी तू भी इंसान
हाँ मैं एक नारी हूँ
सतयुग में अहिल्या आई
त्रेता युग में सीता है समाई
द्वापर युग में द्रौपदी आई
कलयुग में रानी लक्ष्मी बाई
हाँ मैं एक नारी हूँ
त्याग ममता की मूरत बता
फायदा उठाता हर इंसान
जुल्म करता अनेकों अनेक
फिर कहता तू है महान
हाँ मैं एक नारी हूँ
कौन सा युग है सबसे महान
नारी को मिला है कब सम्मान
चाहा जब भी ऊपर उठना
गि
राया तुमने आत्मसम्मान
हाँ मैं एक नारी हूँ
भेदभाव में बीता बचपन
ठेस पहुंचाई किया उत्पीड़न
तुम ने तोड़े सारे बंधन
उसको दिए हजारों बंधन
पर ना मिला चैन सुकून
हाँ मैं एक नारी हूँ
नारी को यह रौब दिखाते
करते खुद पर तुम अभिमान
बिना हमारे जी के बताओ तुम जीवन
बिन नारी के सब है सून
हाँ मैं एक नारी हूँ
नारी जाने जीना जीवन
हर नारी में सीता अहिल्या और द्रौपदी
भारी सबपर रानी लक्ष्मीबाई ये बन
अब जाना है अपना मान
खुद ली है कलयुग में पहचान
हाँ मैं एक नारी हूँ।