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Phool Singh

Inspirational

4  

Phool Singh

Inspirational

मै बन जाऊँ

मै बन जाऊँ

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मजबूर न कोई आत्महत्या को

तकलीफ उसकी बन जाऊँ 

गले लगा के उसको अपने 

मलहम उसका बन जाऊँ ||


भूखे सोये खाली पेट को 

जाकर भोजन खिला आऊँ 

अंधेरे में जो गुम हो गए 

उनके जीवन में उजाला कर आऊँ ||


मार सके ना हक किसी का 

जालिमों को सबक सिखा आऊँ 

मदद कर हर मजबूर की मैं  

हमदर्द उसका बन जाऊँ ||


हिन्दू मुस्लिम का बैर मिटा 

एक धर्म मैं बन जाऊँ 

जात-पात का भेद न हो 

हिन्दुस्तानी मैं बतलाऊँ ||


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