मै बन जाऊँ
मै बन जाऊँ
मजबूर न कोई आत्महत्या को
तकलीफ उसकी बन जाऊँ
गले लगा के उसको अपने
मलहम उसका बन जाऊँ ||
भूखे सोये खाली पेट को
जाकर भोजन खिला आऊँ
अंधेरे में जो गुम हो गए
उनके जीवन में उजाला कर आऊँ ||
मार सके ना हक किसी का
जालिमों को सबक सिखा आऊँ
मदद कर हर मजबूर की मैं
हमदर्द उसका बन जाऊँ ||
हिन्दू मुस्लिम का बैर मिटा
एक धर्म मैं बन जाऊँ
जात-पात का भेद न हो
हिन्दुस्तानी मैं बतलाऊँ ||
