मां
मां
मां जन्नत हैं!
अपनी मन्नत हैं!
पूजो तो खुदा की
सबसे बड़ी रहमत है!
दिल का सुकून मेरा..
आंगन की खुशबू और
हमारे प्यार की महक है!
दर्द उसने बहुत सहे हैं!
देखना उसकी आखों में
कभी आसू न आये!
दिन_ रात लोरी गाकर
तुम्हें अच्छी नींद सुलाया है!
हुए कष्ट बहुत उसे..
पर तुम्हे कभी बताया नही!
दिल में खुद के आग लगाकर..
तुम्हें भुखा कभी सुलाया नहीं!
दिन रात मेहनत कर तुम्हें
हर एक परीक्षा में आगे बढ़ाया हैं!
तुम जो आज कुछ बन गये हो;
उसकी मेहनत का फल पाया है!
न रुलाना उस देवी को
जिसने तुम्हें जन्म दिया है!
उसके बुढ़ापे का सहारा बन
वहीं कर्ज तुम्हें फिर से चुकाना है!
मां जन्नत हैं.. पिता मनन हैं;
स्वीकार करो तुम वहीं जीवन का सत्व है!
आज से मात_पिता की पूजा ही ईश्वर का रुप है!