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Rabindra kumar Sahoo

Abstract Inspirational

4.5  

Rabindra kumar Sahoo

Abstract Inspirational

मां

मां

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हमारी जन्मदात्री

ममतामई मां, स्नेहमयी

सेबा और देबी की मूरत

वो है हमारे मां।


कर्मदात्री, ज्ञान बिज्ञानदात्री

तू ही हो हमारे

सकल शक्ति, मुक्तिदात्री

तू ही हमारी स्नेहमयी

ममतामई मां।


तू ही प्रेरणादायिनी

तू ही गंगा, तू ही यमुना

तू ही क्षमा की सागर

तू ही दया और 

करुणा की अबतार

तू ही ये धरा की

रक्षाकारिणी


कब तू ही बन जाती हूँ

दुर्गतिनाशिनी दुर्गा मां

कब तू  संकट हारिणी

>

काली मां

हर हर रूप में

 ये जग की रक्षाकारिणी


 तू ही जगत जननी

ये संसार की पालिनी

तू हम सब की

 भलाई करने वाली

तू ही हमारी सबका

बिकाशकारिणी

पाप बिनाश कारिणी

तू ही हमारी सब की हौ मां।


दुःख बिनाशिनी

 मंगलकारिणी

तू ही जग की ऊधारकारिणी

तू ही प्रकृतिराणी ममतामई जननी।


तू ही बिशव कल्याणमयी,

 विश्व बिजयिनी, करुणामयी

सबका भलाई करने वाली

 तू ही हमारे सबकी मां।


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