ritesh deo

Inspirational

4  

ritesh deo

Inspirational

माँ

माँ

1 min
343



"माँ"

न खूबसूरत नशीली आँखें है तुम्हारी, 

न लहराती जुल्फे है तुमने पायी,

न शरबती होंठों की रंगत है गुलाबी, 

फिर भी

तुम इतनी सुंदर कैसै हो ?


दया, प्रेम,करूणा से भरी तुम्हारी आँखे,

मीठे स्नेह भरे शब्द टपकाते ये होंठ, 

प्यार बरसाती ये हसीन जुल्फे, 

शायद इसीलिए, 

हाँ, शायद इसीलिए


माँ ,तुम सबसे सुन्दर हो ...


न गोरी नाजुक बाँहे तुम्हारी, 

न कमर बलखाती है,तुम्हारी ,

न सौंदर्य अदभुत आभा लिए हुए है,

फिर भी,

तुम इतनी सुंदर कैसै हो ?


वात्सलय से भरी तुम्हारी बाँहे,

ममता लुटाता तुम्हारा आचँल,

प्यार बरसाता तुम्हारा दिव्य चेहरा,

शायद इसीलिए, 

हाँ, शायद इसीलिए


माँ ,तुम सबसे सुन्दर हो.



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational