माँ
माँ
सामने आता लेकिन,
दिल न मानता,
तेरे हाथों के विभिन्न स्वाद,
जब माँ, आती तेरी याद।
ईश्वर की यह महिमा,
माँ यह कैसी है, तेरी गरिमा,
यादों में सपने आते,
सपनों में मुस्कुराते,
करते हम इसे स्वीकार,
जब माँ, आती तेरी याद।
न चाहकर भी होता सब कुछ,
होते सब काम खुश-खुश,
याद आता माँ का आशीर्वाद,
जब माँ, आती तेरी याद।
जब जाती तुझ से दूर,
एक बार, सोचती ज़रूर,
होता सब को ग़म,
ग़म को दूर कर कर,
मंज़िल पाना हैं,
हमें खुश रहकर,
चिंता है बेबुनियाद,
जब माँ, आती तेरी याद।