मां
मां
मां क्या होती हैं यह मां बनकर ही जाना है मां कैसी होती हैं यह मां सुनकर ही जाना है।
मां हर पल बूढ़ी सी क्यों लगती हैं यह अब समझ में आता हैl
बच्चों की फिक्र मैं ऐसी खो जाती है जवान होते हुए भी चेहरे पर शिकन नजर आती हैंl
अनपढ़ हो या पढ़ी लिखी एक रोटी मांगो दो ही क्यों लेकर आती हैं यह मां है जनाब !
उसे किसने कब जाना है ?
बच्चों पर हो जाती है फना हारना मां ने नहीं जाना हैl
बेटे के बाहर से आने पर पूरा घर पूछ क्या किया क्या कमाया ?
पर मां कहती भूखा होगा मेरा लाडला यह लो बेटा यह तेरा खाना है जो तू पसंद से खाता हैl
मां की तो बद्दुआ हो या दुआ भगवान के आशीर्वाद जैसा है
पूत कपूत हो सकते है माता नहीं कुमाता हैl
मां के आंचल के जैसा दुनिया में कोई कपड़ा नहीं बनाता है
मां को भी औलाद से ज्यादा और नहीं कोई भाता हैl
सब जानती है मां उसको बच्चों का दो छुपाना आता है
औलाद बदल जाते हैं पर मां को समझ नहीं आता हैl
ममता कम नहीं होती है जब तक भगवान मां को नहीं बुलाता हैl
बेटी बनकर जो जान ना पा आज पत्नी बहू मां बन कर जाना है l
मां लेकर घूमती थी पीछे पीछे कहां आज वह खाना हैl
तभी तो ससुराल में कहती हैं एक बेटी बहुत दिन हुए मांं नहीं देखी मुझे
तो बस मां के पास जाना हैl
मां क्या होती हैं यह मां बनकर ही जाना है।